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विषय- मन में मूरत .🫀

विषय- मन में मूरत .👑 इन पुरुषों ने तो अपनी मूरतें अपने मन में स्थापित की हैं! ( यहेजकेल 14:3) मित्रों मन में भी मूरत होती है हम सोचते हैं कि मूर्तिपूजक वाह है जो घर में मंदिर में मूर्ति पूछता है परंतु यहां बाइबल कहती कि मन में भी मूरतें होती है सचमुच बहुत से लोग मूर्ति पूजा छोड़ देते हैं घर में से मूरतें हटा देते हैं लेकिन सवाल यह है कि मन की मूर्ति हटि या नहीं पौलुस कहता है कि लालच मूर्ति पूजा है!  (इफिसियों 5:5 ) (कुलिस्सियों 3:5)  जी हां मित्रों मूरत वाह नहीं जो मिट्टी की बनी है लेकिन मूरत वाह है जो आपके मन में बसी है मिट्टी की मूरत तो तो हम तोड़ सकते हैं हटा सकते हैं पर मन की मूरत को तोड़ना और हटाना इतना आसान नहीं क्योंकि मन की मूरत में आपके प्राण बसे हैं आपकी आत्मा बसी है लेकिन यह मूरत कहीं आपके अनंत जीवन के लिए प्राणघातक ना बन जाए इसलिए मन की मूरत को अपने हृदय से निकालिए ताकि आप परमेश्वर को अपने हृदय में जगह दे सके! आज लोग यीशु के पास आना तो चाहते हैं आशीष तो पाना चाहते हैं पर यीशु मसीह को अपने जीवन में प्रथम स्थान नहीं देना चाहते हैं और यही कारण है वाह आशीष नहीं पाते ...