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Showing posts from July, 2019

मसीहविरोधी के 22 तथ्य.

मसीहविरोधी के 22 तथ्य. 1. दानिएल 8:23 मसिहविरोधी बुद्धी से प्रविण होगा | और उसके बुद्धी के कारन सब लोग अचंभा करेंगे और अनेक जन भरमाए जाएंगे | 2. दानिएल 11:36 मसीह विरोधी ने चिकनी चुपड़ी बाते करेगा | सब के मन को भाने वाली बाते बोलेगा | और लोगों को फसाएगा | 3. प्रकाशितवाक्य17:11-12 मसीहविरोधी राजनैतिक विशेषज्ञ होगा | संसार के राजनिती में उसका सबसे बड़ा स्थान होगा | 4. दानिएल11:43 प्रकाशितवाक्य13:8 वह व्यवसाय में बहुत माहीर होगा | और अति धनाढ्य बन जाएगा | 5. प्रकाशितवाक्य6:2, 13:2 वह युद्ध और लड़ाई में कौशल होगा | 6. 2थिसालेनिकीयों2:4 प्रकाशितवाक्य13:8 वह धर्मिक स्थानो मे खुद को बड़ा बताएगा | और वह धर्मिक ज्ञान को भी रखेगा | 7. प्रकाशितवाक्य17:12 वह राजा के जैसा अधीकार पाकर, समस्त लोगों के उपर राज्य करने के लिए देखेगा | 8. दानिएल9:27 मसीहविरोधी इसराएल से 7साल के लिए वाचा बांधेगा और 3साल 6महिने बाद वह वाचा को तोड़ देगा | 9. प्रकाशितवाक्य12 वह पुरे इसराएल को नष्ट करने का प्रयत्न करेगा | 10. प्रकाशितवाक्य17:16-17 वह दूसरे झुटे धर्म को खत्म करके खुद के नया धर्म को स्थापि...

🅿🌎🙏2कुरिन्थियों 8:4 👉

२ कुरिन्थियों 8:4,5,7,8,9,11,12,14,15,16,19,21,22 4. और इस दान में और पवित्र लोगों की सेवा में भागी होने के अनुग्रह के विषय में हम से बार बार बहुत बिनती की। 5. और जैसी हम ने आशा की थी, वैसी ही नहीं, वरन उन्होंने प्रभु को, फिर परमेश्वर की इच्छा से हम को भी अपने तईं दे दिया। 7. सो जैसे हर बात में अर्थात विश्वास, वचन, ज्ञान और सब प्रकार के यत्न में, और उस प्रेम में, जो हम से रखते हो, बढ़ते जाते हो, वैसे ही इस दान के काम में भी बढ़ते जाओ। 8. मैं आज्ञा की रीति पर तो नहीं, परन्तु औरों के उत्साह से तुम्हारे प्रेम की सच्चाई को परखने के लिये कहता हूं। 9. तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह जानते हो, कि वह धनी होकर भी तुम्हारे लिये कंगाल बन गया ताकि उसके कंगाल हो जाने से तुम धनी हो जाओ। 11. इसलिये अब यह काम पूरा करो; कि जैसा इच्छा करने में तुम तैयार थे, वैसा ही अपनी अपनी पूंजी के अनुसार पूरा भी करो। 12. क्योंकि यदि मन की तैयारी हो तो दान उसके अनुसार ग्रहण भी होता है जो उसके पास है न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं। 14. परन्तु बराबरी के विचार से इस समय तुम्हारी बढ़ती उनकी घटी में काम आ...

🌍🙏इफिसियों 3:9-21🅿🌎

इफिसियों 3:9-21 9. और सब पर यह बात प्रकाशित करूं, कि उस भेद का प्रबन्ध क्या है, जो सब के सृजनहार परमेश्वर में आदि से गुप्त था। 10. ताकि अब कलीसिया के द्वारा, परमेश्वर का नाना प्रकार का ज्ञान, उन प्रधानों और अधिकारियों पर, जो स्वर्गीय स्थानों में हैं प्रगट किया जाए। 11. उस सनातन मनसा के अनुसार, जो उस ने हमारे प्रभु मसीह यीशु में की थी। 12. जिस में हम को उस पर विश्वास रखने से हियाव और भरोसे से निकट आने का अधिकार है। 13. इसलिये मैं बिनती करता हूं कि जो क्लेश तुम्हारे लिये मुझे हो रहे हैं, उनके कारण हियाव न छोड़ो, क्योंकि उन में तुम्हारी महिमा है॥ 14. मैं इसी कारण उस पिता के साम्हने घुटने टेकता हूं, 15. जिस से स्वर्ग और पृथ्वी पर, हर एक घराने का नाम रखा जाता है। 16. कि वह अपनी महिमा के धन के अनुसार तुम्हें यह दान दे, कि तुम उसके आत्मा से अपने भीतरी मनुष्यत्व में सामर्थ पाकर बलवन्त होते जाओ। 17. और विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में बसे कि तुम प्रेम में जड़ पकड़ कर और नेव डाल कर। 18. सब पवित्र लोगों के साथ भली भांति समझने की शक्ति पाओ; कि उसकी चौड़ाई, और लम्बाई, और ऊंचाई, ...

🌎🌎Only 8 people had entered the ship of nine in the whole world🌍🌍

🌎 पूरी दुनियां में नूह के जहाज में सिर्फ 8 लोग ही  प्रवेश कर पाए। पूरी दुनियां में मूसा के समय में 2000000 लोगों में से सिर्फ 2 लोग ही कनान में प्रवेश कर पाए। क्यों...? क्यों              👉कि सकेत है  वह फाटक, और कठिन है वह मार्ग, जो जीवन को पहुंचाता है, और थोड़े हैं, जो उसमें प्रवेश कर पाते हैं। मत्ती 7:14 इसलिए, सकेत फाटक से प्रवेश करो, क्योंकि चौड़ा है वह फाटक, और सरल है वह मार्ग जो विनाश की ओर पहुँचाता है, और बहुत से हैं जो उसमें प्रवेश करते हैं। मत्ती 7:13 जो मुझसे हे प्रभु, हे प्रभु, कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है। मत्ती 7:21 यदि तेरा हाथ, पांव, कान, नांक, मुँह या आँख, तुझे ठोकर खिलाए, तो इन्हें काट कर फेंक दे, टुंडा, काना, लंगड़ा, अंधा, होकर, जीवन में प्रवेश करना तेरे लिए भला है, कि तू दो हाथ, दो पांव, दो आँख, दो कान, के रहते हुए तू अनन्त आग में डाला जाए। मत्ती 18:8 पर यदि तू जीवन में प्रवेश करना चाहता है ? तो आज्ञाओं को माना कर। मत्ती 19:17 हाय तु...

*पिता के वचन पर भरोसा रखो!*

* आत्मिक अमृत*   *गुरुवार, 20 जून अध्ययनः* मती 8ः23-27  *पिता के वचन पर भरोसा रखो!*  “....हे अल्पविश्वासियो, क्यों डरते हो?....”  (मत्ती 8ः26) एक बहुस्तरीय इमारत की ऊपरी मंजिल में आग लग गयी थी। सीढ़ी, एक गरजती हुई भट्टी जैसे जल रही थी और बचने के सारे साधन कट गये थे। सभी लोग किसी तरह से भाग कर नीचे पहुँच गये। पर दो बच्चों को शीर्ष फ्लैट की खिड़की पर देखकर बचाव दल हैरान हो गए।  तुरंत, शक्तिशाली पुरुषों ने एक गाढ़ा कंबल पकड़ लिया और इसे तना पकड़कर, बच्चों को कूदने को चिल्लाकर कहे। लेकिन बच्चे रो रहे थे, और ऐसे करने के लिये उन्हें डर लग रहा था। उसी समय, आग फुफकार रही थी, गरज रही थी और फर्श से फर्श ऊपर की ओर छलांग लगा रही थी। “कूदो, कूदो” लोगों ने चिल्लाया क्यों कि वे कुछ और करने में असमर्थ थे। पर उनका चिल्लाना व्यर्थ साबित हुआ। उसी समय एक आदमी भीड़ में भागता हुआ आया।  एक ही क्षण में उसने उस परिस्थिति को अपने नियंत्रण कर लिया। आगे बढ़ते हुए, उसने चिल्लाया “कूदो” और बच्चों ने तुरंत कूद लिया और सही समय में वे बच गये। हैरान बचाव दल ने उस आदमी...

🍞🍞🍔🍷Bread of everyday🍔🍔🍔

      🙏रोज़ की रोटी| 🙏 Bread of everyday येशू ने कहा तुम मेरे गवाह हो|   ईमान वालों की ज़िन्दगी में , गवाहियों की बड़ी अहमियत है| कलीसिया को सताने वाले कहते हैं , तुम मसीह येशू का प्रचार क्यों करते हो? येशू ने हमारे लिए जो किया है ,उसको देखते और समझते हुए , हम चुप कैसे रह सकते हैं? गवाही का मतलब , चर्च में एक बार गवाही देना नहीं है| भजन ६६.१६ में लिखा है ---हे पर्मेश्वर से डरने वालो , आ कर सुनो ; मैं बताऊंगा की उसने , मेरे लिए क्या क्या किया है| ना केवल उसके अहसानों को याद रखना है , बल्कि उसके आश्चर्यकर्मों का ज़िक्र बार बार करना है|धन्यवादी भेंट चढ़ाने और गवाही देने मात्र से आपकी ज़िम्मेदारी पूरी नहीं हो जाती| बहुत बार लोग , समस्याओं का रोना रोते रहते हैं| इससे बहतर है की आप उन बातों का ज़िक्र करें , जो ख़ुदा ने आपके साथ की हैं| अगर पहले आश्चर्यकर्म हुए हैं , तो आज भी होंगे , और भविष्य में भी होते रहेंगे| क्योंकि वो कभी ना बदलने वाला पर्मेश्वर है| हालात बदलते हैं , लोग बदलते हैं , तो बदलने दीजिये| अपना ध्यान हालात और लोगों पर नहीं , ना बदलने वाले पर्मेश्वर पर केन्द्र...

👉🅿👉Don't crisp o only praise the Lord keep it up👪

अध्ययनः* निर्गमन 16ः1-14                               *कुड़कुड़ाओ मत! केवल स्तुति करते रहो!!*  ’’ जंगल में इस्राएलियों की सारी मंडली मूसा और हारून के विरुद्ध बकझक करने लगी।’’                   (निर्गमन 16ः2) एक गाँव में एक बड़ा परिवार सुबह के नाश्ते  के लिए एक मेज के चारों ओर बैठा था। उस परिवार की रीति के अनुसार पिताजी, जो घर के मुख्या थे प्रार्थना करने लगे और भोजन के लिए प्रभु को धन्यवाद दिया। उसके तुरन्त बाद, वह कुड़कुड़ाने लगा कि भोजन अच्छा नहीं है, उसने कुड़कुड़ाया कि उसकी अयोग्य पत्नी ने भोजन सही से नहीं बनाया है। तुरन्त उसकी छोटी बेटी बीच में बोल उठी, ‘‘पिताजी, क्या आपको लगता है कि परमेश्वर ने आपकी आशीष की प्रार्थना सुनी थी? ‘‘हाँ’’ पिताजी ने विश्वास से उत्तर दिया। ‘‘और क्या प्रिय प्रभु ने आपने जो भोजन के बारे में कहा था सुना होगा? ‘‘हाँ’’ पिता ने जवाब दिया, मगर पहले के समान विश्वास से नहीं। तब उस छोटी बेटी ने फिर से पूछा, ‘‘यदि य...

👉Word of god brings relief.🏃🙏🅿

अध्ययनः* इब्रानियों 4ः12-13                                   Word of god brings relief  *परमेश्वर का वचन छुटकारा लाता है!*  ‘‘...परन्तु यह वचन तेरे बहुत निकट, वरन तेरे मुँह और मन ही में है ताकि तू इस पर चले।’’                       (व्यवस्थाविवरण 30ः14) आज का अध्ययन परमेश्वर के वचन के विशेषणों के बारे में बताता है। यह कहता है कि वचन जीवित और सामर्थी है। हाँ! यह हमारे विचारों को समझता है। यह हमारे पाप के विषय में हमें कायल करता है। परमेश्वर का वचन इतना सामर्थी है कि हमारे जीवनों में असम्भव कार्यों को भी कर सकता है। यह हमें बचाता है, सुधारता है, चँगा करता है, छुटकारा देता है और शैतान के जाल से भी हमें बचाता है। फिर भी कई बार हम अपने जीवनों में परमेश्वर के वचन का प्रयोग नहीं करते हैं और हम उसके उस सामर्थ का आनन्द उठाने और इसका अनुभव करने में असफल होते हैं जो यह हमें देता है। पौल हेन्री नामक एक परमेश्वर के दास ने इस कहानी को बत...

HIBRU.1:2-14....💒🙏🙏

इब्रानियों 1:2-14 2. इन दिनों के अन्त में हम से पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उस ने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उस ने सारी सृष्टि रची है। 3. वह उस की महिमा का प्रकाश, और उसके तत्व की छाप है, और सब वस्तुओं को अपनी सामर्थ के वचन से संभालता है: वह पापों को धोकर ऊंचे स्थानों पर महामहिमन के दाहिने जा बैठा। 4. और स्वर्गदूतों से उतना ही उत्तम ठहरा, जितना उस ने उन से बड़े पद का वारिस होकर उत्तम नाम पाया। 5. क्योंकि स्वर्गदूतों में से उस ने कब किसी से कहा, कि तू मेरा पुत्र है, आज तू मुझ से उत्पन्न हुआ? और फिर यह, कि मैं उसका पिता हूंगा, और वह मेरा पुत्र होगा? 6. और जब पहिलौठे को जगत में फिर लाता है, तो कहता है, कि परमेश्वर के सब स्वर्गदूत उसे दण्डवत करें। 7. और स्वर्गदूतों के विषय में यह कहता है, कि वह अपने दूतों को पवन, और अपने सेवकों को धधकती आग बनाता है। 8. परन्तु पुत्र से कहता है, कि हे परमेश्वर तेरा सिंहासन युगानुयुग रहेगा: तेरे राज्य का राजदण्ड न्याय का राजदण्ड है। 9. तू ने धर्म से प्रेम और अधर्म से बैर रखा; इस कारण परमेश्वर तेरे परमेश्वर ने तेरे साथियों से बढ़...

👉👉Promiss of today..🙋👏👏👏

आज का वचन    भजन संहिता 104:16-30 [16]यहोवा के वृक्ष तृप्त रहते हैं, अर्थात लबानोन के देवदार जो उसी के लगाए हुए हैं। 🔽🔽🔽🔽🔽🔽 [17]उन में चिड़ियां अपने घोंसले बनाती हैं; लगलग का बसेरा सनौवर के वृक्षों में होता है। 🔻🔻🔻🔻🔻🔻 [18]ऊंचे पहाड़ जंगली बकरों के लिये हैं; और चट्टानें शापानों के शरणस्थान हैं। ⬇⬇⬇⬇⬇⬇ [19]उसने नियत समयों के लिये चन्द्रमा को बनाया है; सूर्य अपने अस्त होने का समय जानता है। 🔽🔽🔽🔽🔽🔽 [20]तू अन्धकार करता है, तब रात हो जाती है; जिस में वन के सब जीव जन्तु घूमते फिरते हैं। 🔻🔻🔻🔻🔻🔻 [21]जवान सिंह अहेर के लिये गरजते हैं, और ईश्वर से अपना आहार मांगते हैं। ⬇⬇⬇⬇⬇⬇ [22]सूर्य उदय होते ही वे चले जाते हैं और अपनी मांदों में जा बैठते हैं। 🔽🔽🔽🔽🔽🔽 [23]तब मनुष्य अपने काम के लिये और सन्ध्या तक परिश्रम करने के लिये निकलता है। 🔻🔻🔻🔻🔻🔻 [24]हे यहोवा तेरे काम अनगिनित हैं! इन सब वस्तुओं को तू ने बुद्धि से बनाया है; पृथ्वी तेरी सम्पत्ति से परिपूर्ण है। ⬇⬇⬇⬇⬇⬇ [25]इसी प्रकार समुद्र बड़ा और बहुत ही चौड़ा है, और उस में अनगिनित जलचर जीव- जन...

👫Is our life sacred ?🙎

*✝क्या हमारा जीवन पवित्र है?* * आज यह एक बहुत ही बडा और महत्वपूर्ण सवाल है  की हमारा जीवन जिसे हम ही अच्छी तरह जानते हैं वह पवित्र जीवन है या नहीं है इस विषय पर मैं आप लोगों से यह कहना चाहता हूं कि  परमेश्वर हमें अच्छी तरह जानता है और हर सेकंड हम पर दृष्टि रखता है हम जो बोलते हैं यहां तक कि अपने मन में सोचते हैं परमेश्वर जानता है परमेश्वर पिता सब कुछ जानता है  इस विषय पर पवित्र आत्मा हमारे से बातचीत करता है कि शैतान आपकी प्रार्थना से नहीं डरता शैतान इस बात से भी नहीं डरता कि आप परमेश्वर का वचन जानते हैं क्योंकि शैतान भी परमेश्वर का वचन जानता है  सबसे गंभीर बात यह है जो अब मैं बोलने वाला हूं कि शैतान इस बात से भी नहीं डरता कि आप यीशु मसीह पर विश्वास करते हैं परंतु वह आपके पवित्र जीवन से डरता है क्योंकि वह आपके उस रिश्ते को जो परमेश्वर पिता से है अच्छी तरह जानता है    एक पवित्र जीवन जीना ही परमेश्वर की सबसे बड़ी आज्ञा है और यहां तक कि खुद परमेश्वर के पुत्र प्रभु यीशु मसीह  स्पष्ट कहते है कि हे प्रभु हे प्रभु कहने वाला मनुष्य मतलब की परमेश्वर पर वि...

🙏🙏God so kind 🙏🙏💒

भजन संहिता 78:38 परन्तु वह जो दयालु है, वह अधर्म को ढांपता, और नाश नहीं करता;  ____________ईश्वर बहुत दयालु है____________ _ एक राजा का एक विशाल फलों का बगीचा था. उसमें तरह-तरह के फल होते थे और उस बगीचा की सारी देखरेख एक किसान अपने परिवार के साथ करता था. वह किसान हर दिन बगीचे के ताज़े फल लेकर राजा के राजमहल में जाता था. एक दिन किसान ने पेड़ों पे देखा नारियल अमरुद, बेर, और अंगूर पक कर तैयार हो रहे हैं, किसान सोचने लगा आज कौन सा फल महाराज को अर्पित करूँ, फिर उसे लगा अँगूर करने चाहिये क्योंकि वो तैयार हैं इसलिये उसने अंगूरों की टोकरी भर ली और राजा को देने चल पड़ा! किसानब राजमहल में पहुचा, राजा किसी दूसरे ख्याल में खोया हुआ था और नाराज भी लग रहा था किसान रोज की तरह मीठे रसीले अंगूरों की टोकरी राजा के सामने रख दी और थोड़े दूर बेठ गया, अब राजा उसी खयालों-खयालों में टोकरी में से अंगूर उठाता एक खाता और एक खींच कर किसान के माथे पे निशाना साधकर फेंक देता। राजा का अंगूर जब भी किसान के माथे या शरीर पर लगता था किसान कहता था, ‘ईश्वर बड़ा दयालु है’ राजा फिर और जोर से अंगूर फेकता था किसान फिर वह...

जब न हो जीने की आस*_ 🌎

*जब न हो जीने की आस*_ _हर दिन, दुनिया-भर में करीब 3,000 लोग अपनी जान लेने की कोशिश करते हैं। क्या बात उन्हें इतना निराश कर देती है कि वे जीना ही नहीं चाहते? बाइबल इसकी एक बुनियादी वजह बताती है। वह यह कि हम ‘संकटों से भरे ऐसे वक्‍त’ में जी रहे हैं_  _*“जिसका सामना करना मुश्‍किल” है। आज लोग हर वक्‍त तनाव और चिंता से घिरे रहते हैं। (2 तीमुथियुस 3:1; सभोपदेशक 7:7)*_ _जब एक इंसान को अपनी चिंताओं से निकलने का कोई तरीका नहीं सूझता तो शायद उसे एक ही रास्ता नज़र आए, खुदकुशी करना। अगर आपके मन में कभी ऐसा खयाल आता है, तो आप क्या कर सकते हैं?_  _*आप अकेले नहीं हैं!*_ _चाहे आपके हालात कितने ही बुरे क्यों न हो, एक बात हमेशा याद रखिए कि आप अकेले नहीं हैं। आज लगभग सभी लोग किसी-न-किसी मुश्‍किल से गुज़र रहे हैं।  बाइबल कहती है:_ _*“सारी सृष्टि . . . एक-साथ कराहती और दर्द से तड़पती रहती है।” (रोमियों 8:22)* _हो सकता है, आपको लगे कि आपकी मुश्‍किलें पहाड़ जैसी हैं, उनका कोई हल नहीं। मगर अकसर देखा गया है कि वक्‍त के गुज़रते हालात सुधर जाते हैं। लेकिन तब तक, क्या बात आपकी ...

Yaakub 4:2 se vachan.

याकूब 4:2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,17 2. तुम लालसा रखते हो, और तुम्हें मिलता नहीं; तुम हत्या और डाह करते हो, ओर कुछ प्राप्त नहीं कर सकते; तुम झगड़ते और लड़ते हो; तुम्हें इसलिये नहीं मिलता, कि मांगते नहीं। 3. तुम मांगते हो और पाते नहीं, इसलिये कि बुरी इच्छा से मांगते हो, ताकि अपने भोग विलास में उड़ा दो। 4. हे व्यभिचारिणयों, क्या तुम नहीं जानतीं, कि संसार से मित्रता करनी परमेश्वर से बैर करना है सो जो कोई संसार का मित्र होना चाहता है, वह अपने आप को परमेश्वर का बैरी बनाता है। 5. क्या तुम यह समझते हो, कि पवित्र शास्त्र व्यर्थ कहता है जिस आत्मा को उस ने हमारे भीतर बसाया है, क्या वह ऐसी लालसा करता है, जिस का प्रतिफल डाह हो? 6. वह तो और भी अनुग्रह देता है; इस कारण यह लिखा है, कि परमेश्वर अभिमानियों से विरोध करता है, पर दीनों पर अनुग्रह करता है। 7. इसलिये परमेश्वर के आधीन हो जाओ; और शैतान का साम्हना करो, तो वह तुम्हारे पास से भाग निकलेगा। 8. परमेश्वर के निकट आओ, तो वह भी तुम्हारे निकट आएगा: हे पापियों, अपने हाथ शुद्ध करो; और हे दुचित्ते लोगों अपने हृदय को पवित्र करो। 9. दुखी होओ, और शोक करा...

Mistra par bheji gai veepatiya.

मिस्र पर भेजी गई विपत्तियों का रहस्य|💒 ईश्वरत्व का अस्तित्व --- इब्रानियों की पत्री ११.६ में लिखा है ---- विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है , क्योंकि पर्मेश्वर के पास आनेवाले को , विश्वास करना चाहिए की वो है , और अपने खोजने वालों को , प्रतिफल देता है| इस पद की सबसे महत्वपूर्ण बात है , पर्मेश्वर का अस्तित्व| ग़ालिब ने क्या ख़ूब कहा है –कुछ ना था तो ख़ुदा था , कुछ ना होता तो ख़ुदा होता| संसार की हर वास्तु का अस्तित्व , पर्मेश्वर के अस्तिव के कारण है| वो है , इसलिए ये आकाश और धरती हैं| भजन १९.१—२ में लेखक कहता है ---आकाश ईश्वर की महिमा का वर्णन कर रहा है , और आकाशमंडल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है| दिन दिन से बातें करता है , और रात रात को ज्ञान सिखाती है ; ना तो कोई बोली है ,और ना कोई भाषा , जहाँ उनका शब्द सुनाई नहीं देता| जब आप स्रष्टि को निहारते हैं , उसकी अद्भुत रचना , ईश्वर के अस्तित्व की ओर इशारा करती है| यूनानी दार्शनिक , अरस्तु का कथन इस विषय पर प्रकाश डालता है| अरस्तु कहता है –जब मैं चाँद , सितारों को अपनी परिधि में घूमते हुए देखता हूं , जब मैं मौसमों को अपने समय में आते ज...

ISRO का Chandrayaan - 2 चाँद पर आखिर कब पहुंचेगा? When will Chandrayaan ...