Chanakya Niti in Hindi Ninth Chapter (चाणक्य नीति – नववा अध्याय) july 25 ..pawan yadaw.. Chanakya (चाणक्य) Chanakya Neeti – Ninth Chapter (चाणक्य नीति – नववा अध्याय) 1: यदि मुक्ति चाहते हो तो समस्त विषय-वासनाओं को विष के समान छोड़ दो और क्षमाशीलता, नम्रता, दया, पवित्रता और सत्यता को अमृत की भांति पियो अर्थात अपनाओ। 2: जो नीच व्यक्ति परस्पर की गई गुप्त बातों को दुसरो से कह देते है, वे ही दीमक के घर में रहने वाले सांप की भांति नष्ट हो जाते है। 3: ब्रह्मा को शायद कोई बताने वाला नहीं मिला जो की उन्होंने सोने में सुगंध, ईख में फल, चंदन में फूल, विद्वान को धनी और राजा को चिरंजीवी नहीं बनाया। 4: सभी औषधियों में अमृत प्रधान है, सभी सुखो में भोजन प्रधान है, सभी इन्द्रियों में नेत्र प्रधान है सारे शरीर में सिर श्रेष्ठ है। 5: न तो आकाश में कोई दूत गया, न इस संबंध में किसी से बात हुई, न पहले किसी ने इसे बनाया और न कोई प्रकरण ही आया, तब भी आकाश में भृमण करने वाले चंद्र और सूर्य के ग्रहण के बारे में जो ब्राह्मण पहले से ही जान लेता है, वह विद्वान...
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