सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

प्रदर्शित

विषय- धोखा मैं धर्मी हूं !

विषय- धोखा मैं धर्मी हूं! यदि कोई अपने आप को भक्त समझे और अपनी जीभ पर लगाम ना दे पर अपने हृदय को धोखा दे तो उसकी भक्ति व्यर्थ है! (याकूब 1:26) जी हां मित्रों आज ज्यादातर विश्वासियों में यह सबसे बड़ा धोखा है कि मैं धर्मी हूं ऐसा नहीं कि प्रभु ने हमें धर्मी नहीं बनाया यीशु मसीह ने अपने लहू से  धोकर हमें धर्मी बनाया है लेकिन धर्मी एक जीवन है जो सच्चाई और खराई का जीवन है इसमें झूठ और पाप की कोई जगह नहीं है लेकिन यदि हम अपने आपको देखें तो क्या हमारा जीवन ऐसा है क्या हमने झूठ बोलना छोड़ दिया है क्या हमने लालच करना छोड़ दिया है क्या हमने पूरी रीति से सच बोलना सीख लिया है क्या हमने बुराई करना छोड़ दिया है नहीं मित्रोंआज भी हममें बहुत सारी ऐसी गलत आदतें हैं जिसके कारण से हम धोखे में जी रहे हैं कि हम धर्मी हैं जबकि धर्मी बनने के लिए हमको पूरी रीती से यीशु के लहू में शुद्ध होना पड़ेगा और सच्चाई के मार्ग पर चलना पड़ेगा वचन के अनुसार अपने जीवन को जीना पड़ेगा लेकिन हम तो अपने मन के अनुसार जीने की कोशिश करते हैं कुछ ही लोग हैं जो वचन के अनुसार सच्चाई से खराई से चलने की कोशिश करते है

हाल ही की पोस्ट

༺꧁ बाइबल के बारे में रहस्य ꧂༻:

विषय- मन में मूरत .🫀

विषय- क्या आप जल और आत्मा से जन्मे है !

विषय- जो मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हैं!

विषय- कपड़े गंदे क्यों ?

विषय- उजियाला बुझ ना जाए!

विषय- सबसे बड़ी समस्या .

तिनका और लढ्ढा

विषय - वासना का अर्थ.

सुखी परिवार पार्ट 2.